मेरे एक फेसबुक मित्र हैं Dayanand Pandey Pandey आज उन्होंने अपनी एक पोस्ट में दावा किया कि नमाज़ शब्द संस्कृत का है। दावा यह भी कि इसका उल्लेख ऋग्वेद में है। यहां दुखद यह कि मेरे ऑब्जेक्शन पर उन्होंने कमेंट सेक्शन क्लॉज कर दिया। उनका दावा रंग शब्द को लेकर भी यह है कि वह फारसी का शब्द है। इस संबंध में संस्कृत भाषा को पहले समझना होगा। पहली बात संस्कृत में ज़ जैसा उच्चारण नहीं है। दूसरी बात संस्कृत भाषा में एक पुष्ट व्याकरण है। यह व्याकरण धातुओं , लकारों और पुरुषों में निबंध है। तीसरी बात इन धातुओं को विभिन्न लकारों और पुरुषों में रूप बदलने के लिए नियमों का पालन करना होता है अब ऐसे में जब हम नमाज़ शब्द को समझते हैं। नमाज़ का जब हम संधि करते हैं तो यह नम+ अज। जानकारी के लिए बताती चलूं तो प्रभु श्री राम के पितामह का नाम अज था। बहर हाल अब संस्कृत के अनुसार इसे समझते हैं नम का अर्थ यदि झुकना मान भी लें तो संस्कृत में अज का अर्थ होता है अजन्मा। एक बार इस संधि को और देखते है नम +आज तो यह भी नमाज़ का वह अर्थ नहीं देती जो दयानंद जी बता रहे हैं। बात यह भी है कि नमाज़ एक ...