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स्वास्थ्य के लिए चमत्कारी स्टेम सेल

रूसी डाक्टरों ने निराशाजनक स्थिति में पहुँच चुके कैंसर रोगियों को पुनः पैरों पर खडा करने की तरकीब ढूंढ निकाली है| पश्चिमी साइबेरिया के एक छोटे नगर युगरा के डाक्टर स्टेम सेल की मदद से रक्त कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज कर रहे हैं| इन जादुई स्टेम सेलों से किसी भी प्रकार के यानी लीवर, हड्डी या रक्त आदि के सेल बनाए जा सकते हैं| दिमित्री कुदाश्किन पहले ऐसे रोगी थे, जिनकी कोशिकाओं का प्रत्यार्पण कर युगरा में पहली बार तीन साल पहले ऐसा इलाज किया गया था| 32 वर्ष की उम्र में दिमित्री मल्टीप्ल मिएलोमा रोग के शिकार पाए गए थे| मल्टीप्ल मिएलोमा रक्त की सबसे घातक बीमारियों में से एक है| उनके बचने की लगभग कोई उम्मीद नहीं रह गयी थी|उनके सेल प्रत्यार्पण आपरेशन के बाद अब तक तीन साल बीत चुके हैं| इस दौरान युगरा के डाक्टर 34 और सफल सेल प्रत्यार्पण आपरेशन कर चुके हैं| वर्तमान में सभी रोगी खुद को स्वस्थ बता रहे हैं, लेकिन डाक्टर इस बात से इनकार नहीं करते कि जोखिम अभी भी बने हुए हैं| युगरा स्वास्थ्य विभाग के उप-निदेशक सेर्गेई शूकिन बताते हैं कि उन रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ती ही जा रही है, जिन्हें सेल प्रत्यार्पण की आवश्यकता है| वह आगे कहते हैं:इस बीमारी का इलाज स्टेम सेल प्रत्यार्पण विधि से करना वर्तमान में न केवल रूस में बल्कि समस्त दुनिया में एकमात्र सफल तरीका माना जा रहा है| इस इलाज में लगभग चार लाख बीस हज़ार डालर लगते हैं| लेकिन हमारे यहाँ युगरा में यह इलाज हम मुफ्त में करते हैं| स्थानीय राजकीय कोष से इसके लिए फंड आबंटित किया जाता है|स्टेम सेल प्रत्येक शरीर में पाए जाते हैं| मनुष्य जब सोता है तब यह सेल क्षतिग्रस्त टिशू और अंगों की बहाली का काम करते हैं| लेकिन उम्र के साथ साथ शरीर में यह सेल घटते जाते हैं| जन्म के समय गर्भनाल रक्त में प्रत्येक दस हज़ार दूसरी कोशिकाओं में एक स्टेम सेल होता है, सोलह साल की उम्र में पांच लाख दूसरी कोशिकाओं के बीच एक तथा पचास वर्ष की आयु में दस लाख दूसरी कोशिकाओं के बीच एक स्टेम सेल पाया जाता है| युगरा के डाक्टर स्टेम सेल पर चार साल से अधिक से काम कर रहे हैं| युगरा के पड़ोसी नगर खांती-मान्सीस्किए में एक निम्नताप भंडारण बनाया गया है| वहां पर स्टेम सेल को तरल नाइट्रोजन में -196 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर रखा जाता है| ज़रुरत पड़ने पर भंडारण में रखे स्टेम सेल का इस्तेमाल दस वर्ष बाद भी किया जा सकता है- ऐसा युगरा सेल टेक्नोलॉजी विज्ञान एवं शोध संस्थान के उप-निदेशक सेर्गेई पनामार्योव का कहना है| वह बताते हैं:हमारे यहाँ गर्भनाल रक्त के लगभग 150 नमूने संरक्षित हैं| यह नमूने स्वस्थ गर्भवती महिलाओं के हैं| शिशु जन्म के समय इन महिलाओं की स्वीकृति से यह नमूने हमारे बैंक में संग्रहित किये गए ताकि उनका भविष्य में इस्तेमाल किया जा सकेस्टेम कोशिकाओं को त्वचा, चर्बी या बालों से प्राप्त करना एक बहुत ही मुश्किल और महंगा काम है| इसलिए मनुष्य को गर्भनाल रक्त के रूप में प्रकृति से प्राप्त खजाने को संरक्षित रखने की आवश्यकता है| गर्भनाल रक्त स्टेम सेल प्राप्ति का उत्तम साधन होने के बावजूद भी दुर्भाग्यवश अवशेष की तरह नष्ट कर दिया जाता है| इन कोशिकाओं का प्रत्यार्पण अस्वस्थ मनुष्य के रक्त में करना ही पर्याप्त होता है, बाद में वह खुद ही तकलीफदायक जगह को ढूंढ निकालने में सक्षम हैं| यह इलाज उनके लिए शत प्रतिशत सफल सिद्ध होता है, जिनके जन्म के समय स्टेम सेल को संग्रहित किया गया होता है साथ ही उनके सगे भाईयों और बहनों के लिए भी यह उतने ही सफल परिणाम देता है| sabhar :http://hindi.ruvr.ru

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