संदेश

अवचेतन मन और विज्ञान

टैलीपैथी;क्या है हमारे पुराणों में वर्णित है की देवता लोग ;आपस में बातचीत ;बिना कुछ ;कर लेते थे | और सोचते थे दूसरे ;लोगो ;के पास;सन्देश ;जाता था धर्म और विज्ञान ने दुनिया के कई तरह के रहस्यों से पर्दा उठाया है। विज्ञान और टेक्नोलॉजी के इस युग में अब सब कुछ संभव होने लगा है। मानव का ज्ञान पहले की अपेक्षा बढ़ा है। लेकिन इस ज्ञान के बावजूद व्यक्ति की सोच अभी भी मध्ययुगीन ही है। वह इतना ज्ञान होने के बावजूद भी मूर्ख, क्रूर, हिंसक और मूढ़ बना हुआ है।खैर, आज हम विज्ञान की मदद से हजारों किलोमीटर दूर बैठे किसी व्यक्ति से मोबाइल, इंटरनेट या वीडियो कालिंग के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं, लेकिन प्राचीन काल में ऐसा संभव नहीं था तो वे कैसे एक दूसरे से संपर्क पर पाते थे? मान लीजिये आप समुद्र, जंगल या रेगिस्तान में भटक गए हैं और आपके पास सेटेलाइट फोन है भी तो उसकी बैटरी डिस्चार्च हो गई है ऐसे में आप कैसे लोगों से संपर्क कर सकते हैं?दरअसल, बगैर किसी उपकरण की मदद से लोगों से संपर्क करने की कला को ही टेलीपैथी कहते हैं। जरूरी नहीं कि हम किसी से संपर्क करें। हम दूरस्थ बैठे किसी भी व्यक्ति की वार्ता को सु...

कैंसर के खिलाफ लड़ने के लिए इम्यूनोथेरेपी के जरिए नया इलाज

ताजा शोध से पता चला है कि कुछ ट्यूमर या कैंसर के अंदर ही प्रतिरक्षा कोशिकाओं की "फैक्ट्रियां" होती हैं. जो शरीर को कैंसर के खिलाफ लड़ने में मदद करती हैं.हाल के वर्षों में डॉक्टरों ने कैंसर के खिलाफ लड़ने के लिए इम्यूनोथेरेपी के जरिए नया इलाज खोजा है. इसमें शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर उन्हें ट्यूमर से लड़ने लायक बनाया जाता है.यह तकनीक तृतीयक लिम्फॉइड संरचनाएं (टीएलएस) इस इलाज में कारगर साबित हुई हैं. हाल के वर्षों में, डॉक्टरों ने कैंसर, इम्यूनोथेरेपी के नए उपचार की ओर रुख किया है, जो ट्यूमर से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का लाभ उठाकर काम करता है. साइंस जर्नल "नेचर" में इस उपचार से संबंधित तीन शोध प्रकाशित हुए हैं. जो दुनिया के अलग देशों के वैज्ञानिकों की ओर से आए हैं.शोध में बताया गया है कि श्वेत रक्त कोशिकाएं या टी-सेल्स ट्यूमर को मारने का काम कैसे करती हैं. कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन पर हमला करने के लिए यह "प्रशिक्षित" होती हैं. हालांकि यह उपचार केवल 20 प्रतिशत रोगियों पर ही बेहतर काम कर रहा है. शोधकर्ता यह समझने की कोशिश कर रहे...

क्या एक दिन आप 3डी प्रिंटर पर बनी कार चलाएँगे

क्या एक दिन आप 3डी प्रिंटर पर बनी कार चलाएँगे? कार टेकनोलॉजी से जुड़े ताज़ा शोध इस पूरे उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रहे हैं और ये बिलकुल संभव है कि आप आने वाले समय में 3डी प्रिंटर पर बनी कार ही चलाएँ.अमरीकी ऊर्जा विभाग की प्रयोगशाला ओक रिज नेशनल ने 3डी प्रिंटर पर न केवल स्पोर्ट्स कार बनाई बल्कि 2015 के डीट्रॉयट ऑटो शो में इसे प्रदर्शित भी किया है.पहली नजर में तैयार की गई शेलबी कोबरा कार आम स्पोर्ट्स कार जैसी ही लगती है, चाहे ये प्लास्टिक से बनी है. हालांकि ये स्टील से भी बनाई जा सकती है.इसमें कहीं भी स्टील के पैनल का इस्तेमाल नहीं हुआ है. ये कार 85 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जा सकती है थ्री-डायमेंशनल तरीके से कार प्रिंटिंग?थ्री डायमेंशनल प्रिटिंग वो नई तकनीक है जिसके इस्तेमाल में पहले कंप्यूटर में डिज़ाइन बनाया जाता है.फिर उक्त कमांड के ज़रिए 3डी प्रिंटर, या ये कहें कि इंडस्ट्रियल रोबोट उस डिज़ाइन को, सही पदार्थ (मेटीरियल) का इस्तेमाल करते हुए परत दर परत प्रिंट करता है या बनाता है.इस प्रयोग में पिघले हुए प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हुए उसे मनचाहा आकार दिया जाता है. ऐसा म...

समुद्री शैवाल के दानों ग्रेनल का इस्तेमाल अधिक नमक खाने में प्रयोग

आप अगर आप को नमक का सेवन करना है तो आप उसकी जगह समुद्री शैवाल का इस्तेमाल कर सकते हैं वैज्ञानिकों का कहना है कि समुद्री शैवाल के दानों ग्रेनल का इस्तेमाल अधिक नमक खाने से होने वाली परेशानियों को दूर कर सकता है ब्रिटेन के से फील्ड हां लायन विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि समुद्री शैवाल के दानों को खाने में मिलाने से अच्छा स्वाद आता है और उसमें नमक की मात्रा कम होती है दूसरी तरफ अधिक नमक के इस्तेमाल से प्रत्येक वर्ष दुनिया में हजारों लोगों के असमय मौत हो जाती है वैज्ञानिकों का दावा है कि ब्रेड और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में नमक की जगह इसका इस्तेमाल करने से उच्च रक्तचाप हृदयाघात और मृत्यु के खतरे से बचा जा सकता है शैवाल का नमक के विकल्प के रूप में इस्तेमाल तो बहुत इसका एकमात्र पहलू है सवाल में बहुत गुण है इसमें समुद्री सेवा में बड़ी मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जिससे पेट भरा हुआ महसूस होता है इसलिए मोटापा घटाने में भी सहायक है इसलिए यह मोटापा घटाने में भी सहायक है जिन वैज्ञानिकों ने इस परियोजना पर शोध किया उन्होंने पाया कि सहवाग के दानों में सोडियम का स्तर मात्र तीन 3.5 था ...

भूमिगत नदी

 वैज्ञानिकों ने हाल में ही एक ऐसी भूमिगत नदी का पता लगाया है जो विशाल अमेजन के मिलो नीचे बहती है वैज्ञानिकों ने ब्राजील के आयल कंपनी पेट्रोब्रास द्वारा 1970 एवं 1980 के दशक में अमेजन क्षेत्र में खुदाई किए गए तेल कुआं के आंकड़े के विश्लेषण के आधार पर इसकी खोज की है उन्होंने इस नदी को ब्राजील के नेशनल ऑब्जर्वेटरी के वैज्ञानिक वालिया हमजा के नाम पर हम जा रखा कंप्यूटर विश्लेषकों के द्वारा यह बताया गया कि यह नदी अमेजन कि भारत ही पश्चिम से पूर्व तक पृथ्वी तल से 13000 फीट नीचे बहती है वैज्ञानिकों ने अभी बताया कि पृथ्वी से लगभग 2000 फीट की गहराई पर या नदी ऊर्ध्वाधर रूप में बहती है यह नदी लगभग अमेजॉन जितनी लंबी है लेकिन इसमें अमेजन के कुल जल प्रवाह का एक बटे 33 वां भाग ही जल प्रभावित होता है हमजा की चौड़ाई 125 से 250 मील के बीच है जबकि अमेजन की चौड़ाई 0.6 मील से 7 मील के बीच है वैज्ञानिकों के इस दल ने अपने इस विश्लेषण के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि पृथ्वी के अन्य भागों में भी हमजा जैसे भूगर्भीय नदियां हो सकती हैं वैज्ञानिकों ने कहा उल्लेखनीय है कि वालिया हमजा तथा एलिजाबेथ तेरस के नेतृत्व में...

व्यापक ब्रह्मांड

विज्ञान का सफर आदि काल से शुरू हो गया था | जब मनुष्य कृषि और पत्थर के औंजारो का प्रयोग किया विज्ञान ने जहा हमे तकनीको के द्वार खोल कर जीवन को सरल एवं सुगम्य बनाया है परंतु अध्यात्म के विना जीवन मे शांती नहीं मिल सकती कही ना कही विज्ञान और अध्यात्म एक हो जाते है आगे देखे कैसे तकनीक ने हमारा जीवन आसान कर दिया है विज्ञान और आत्मा इस सिद्धांत के अनुसार हमारी आत्मा का मूल स्थान मस्तिष्क की कोशिकाओं के अंदर बने ढांचों में होता है जिसे माइक्रोटयूबुल्स कहते हैं। दोनों वैज्ञानिकों का तर्क है कि इन माइक्रोटयूबुल्स पर पड़ने वाले क्वांटम गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के परिणामस्वरूप हमें चेतनता का अनुभव होता है। वैज्ञानिकों ने इस सिद्धांत को आर्वेक्स्ट्रेड ऑब्जेक्टिव रिडक्शन (आर्च-ओर) का नाम दिया है। इस सिद्धांत के अनुसार हमारी आत्मा मस्तिष्क में न्यूरॉन के बीच होने वाले संबंध से कहीं व्यापक है। दरअसल, इसका निर्माण उन्हीं तंतुओं से हुआ जिससे ब्रह्मांड बना था। यह आत्मा काल के जन्म से ही व्याप्त थी। अखबार के अनुसार यह परिकल्पना बौद्ध एवं हिन्दुओं की इस मान्यता से काफी कुछ मिलती-जुलती है कि चेतनत...

चमकदार मशरूम की खोज

ब्राजील के वर्षा वनों में वैज्ञानिकों को फिर से वह मशरूम मिल गई है जो 1840 के बाद से नहीं देखी गई थी इस चमकदार मशरूम की खोज सन फ्रांसिस्को स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डेनिस डेस जार्डिन और उनक टीम द्वारा की गई है या मशरूम अंधेरे में इतनी तेजी से चमकती है कि उसके प्रकाश में अखबार पढ़ा जा सकता है शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इसकी खोज के बाद वे इस बात का पता लगाने में सफल होंगे कि क्यों कुछ फंगस में चमकने की क्षमता होती है वैज्ञानिकों ने इस मशरूम को फिर से नियमों को पाना गार्डनर के नाम से वर्गीकृत किया है न्यू नोट ओपनस गार्डनर को आखरी बार 1840 में ब्रिटिश वनस्पति विज्ञानी जॉर्ज गार्डनर ने तब देखा था जब कुछ बच्चे इस प्रकार चमकदार मशरूम से खेल रहे थे इस मशरूम के हरे प्रकाश का पता लगाने के लिए डॉ डेस जारटिन और उनके सहयोगियों को कई सप्ताह तक अंधेरी रातों में ब्राजील के जंगलों में भटकना पड़ा तथा डिजिटल कैमरों की मदद से वे रात में चमक रहे इस मशरूम की फोटो कैमरे में उतारने में सफल रहे जेलीफिश और जुगनू ऐसे ही कुछ जंतु है जो चमक पैदा करते हैं बैटरी ओं से संगी संगी और मछली से की रासायनिक प्रक...

स्वास्थ्य के लिए चमत्कारी स्टेम सेल

रूसी डाक्टरों ने निराशाजनक स्थिति में पहुँच चुके कैंसर रोगियों को पुनः पैरों पर खडा करने की तरकीब ढूंढ निकाली है| पश्चिमी साइबेरिया के एक छोटे नगर युगरा के डाक्टर स्टेम सेल की मदद से रक्त कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज कर रहे हैं| इन जादुई स्टेम सेलों से किसी भी प्रकार के यानी लीवर, हड्डी या रक्त आदि के सेल बनाए जा सकते हैं| दिमित्री कुदाश्किन पहले ऐसे रोगी थे, जिनकी कोशिकाओं का प्रत्यार्पण कर युगरा में पहली बार तीन साल पहले ऐसा इलाज किया गया था| 32 वर्ष की उम्र में दिमित्री मल्टीप्ल मिएलोमा रोग के शिकार पाए गए थे| मल्टीप्ल मिएलोमा रक्त की सबसे घातक बीमारियों में से एक है| उनके बचने की लगभग कोई उम्मीद नहीं रह गयी थी|उनके सेल प्रत्यार्पण आपरेशन के बाद अब तक तीन साल बीत चुके हैं| इस दौरान युगरा के डाक्टर 34 और सफल सेल प्रत्यार्पण आपरेशन कर चुके हैं| वर्तमान में सभी रोगी खुद को स्वस्थ बता रहे हैं, लेकिन डाक्टर इस बात से इनकार नहीं करते कि जोखिम अभी भी बने हुए हैं| युगरा स्वास्थ्य विभाग के उप-निदेशक सेर्गेई शूकिन बताते हैं कि उन रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ती ही जा रही है, जिन्हें सेल प्रत्यार्प...

वंडर ड्रग्स करेगी कैंसर को ख़त्म

वंडर ड्रग्स नामक यह गोली सभी प्रकार के कैंसर को खत्म करेगी | इसे खोजा है ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने न्यू कासल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिको ने बताया की यह सभी प्रकार क कैंसर को ठीक कर सकती है | इस गोली का कोई साएड इफेक्ट नहीं है यह गोली काफी महँगी है करीब २४०० यूरो की एक महीने की दवा का दाम पड़ेगा तथा छः महीने की दवा लेनी पड़ेगी पर बाद में धीरे धीरे इसका मूल्य कम हो जायेगा आम आदमी की पहुँच में हो जायेगा |

एड्स को रोकने वाली क्रीम की खोज

वैज्ञानिको ने एक ऐसी क्रीम की खोज की है जो एड्स की रोकथाम में कारगर होगी इस क्रीम का इस्तेमाल केवल महिलाए कर सकेंगी लेकिन यौन सम्बन्ध बनाने पर पुरूष या महिला किसी को भी एड्स है तो पार्टनर के एड्स होने का खतरा नहीं रहेगा इस क्रीम पर शोध दछिण अफ्रीका में हुआ है इस क्रीम के उत्पादन की मंजूरी दे दी गयी है और शिग्र ही बाजार में आ जाएगी हाल ही में आस्ट्रिया में हुयी इंटर नॅशनल एड्स कांफ्रेंस में इस क्रीम पर हुए शोध पर सफलता की जानकारी दी गयी इस क्रीम को अबतक सबसे कारगर तरीको में से एक है जो एड्स रोक सकती है क्रीम का निर्माण उन्ही एंटी वाइरल दवाओं के फार्मूले पर किया गया है जो एड्स होने पर दी जाती है

टच स्क्रीन आप के कलाई पर होगा

वैज्ञानिक युग के क्या संभव हो जाएगा यह कहा नहीं जा सकता है अब टच स्क्रीन के सम्बन्ध में इक क्रांती आ गयी है जो कलाई पर होगा, वैज्ञानिको के अन्तराष्ट्रीय दल ने इस तकनीक का नाम दिया है ' स्कीन पुट' यह उपकरण ब्यक्ति के हाथ में कलाई से कोहनी तक के हिस्से को टच स्क्रीन में बदल देगा चाहे मनपसंद संगीत सुनना हो या काल मिलानी हो , ब्यक्ति को दूसरे हाथ की उंगलियों से इस हिस्से की त्वचा को छूना भर होगा यह उपकरण ध्वनिक सेंसर और मिनी प्रोजेक्टर से चलेगा इसे ब्लू ट्रुथ जैसी वायर लेस सेवा से आसानी से जोड़ा जा सकेगा इसको तकनीक के जरिए मोबाईल , कम्पूटर , आई पाड, से आसानी से जोड़ा जा सकता है