मकई की रोटी स्वास्थ्यवर्धक

# आमतौर पर बिहार में बनने वाली मकई की रोटी दो वैरायटी की होती है उत्तर बिहार में मकई की जो रोटी बनाई जाती है दरअसल वह भुने हुए मकई के आटा से तैयार किया जाता है। इस कारण से उसकी रोटी हाथ पर ही ठोक कर तैयार की जाती है जो काफी मोटी होती है पकाने के बाद उसका कलर पीला हो जाता है खाने में वह मोटी रोटी की जैसी लगती है पर थोड़ा सा सोंधा टाइप का जिसे उत्तर बिहार में लोग लाल मिर्च की अचार या फिर दही के साथ खाना पसंद करते हैं लेकिन मध्य बिहार में मकई की रोटी कच्ची मकई के आटे से तैयार की जाती है या रोटी की तरह ही बेलकर तवे पर पकाई जाती है इस कारण से इसका कलर उजला होता है और दूर से देखने पर आपको लगेगा कि आप गेहूं की रोटी खा रहे हैं कच्चे मकई के आटे से तैयार इस रोटी को पकाने के बाद घी का जबरदस्त इस्तेमाल किया जाता है जिस कारण से यह पूरी तरह से पक्के तैयार होता है और टेस्ट भी ज्यादा होता है यहां पर लोग इसे साग के साथ ही खाना पसंद करते हैं खासकर मकई के रोटी का कंबीनेशन पूरी तरह से सरसों के साथ के साथ बना हुआ है पर अब परियों और शादियों में भी मकई की रोटी नजर आने लगी है लोगों के खाने का टेस्ट बदला ...