संदेश

स्वामी विवेकानंद – एक क्रांतिकारी सन्यासी

स्वमी विवेकानंद को रामकृष्ण परमहंस ने पहली बार समाधि का अनुभव कराया था। जानते हैं कि गुरु रामकृष्ण परमहंस के साथ रहकर उनमें क्या बदलाव आए और क्या अनुभव हुए...   सौ साल से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी आज भी विवेकानंद युवाओं के प्रिय हैं। आखिर कैसे? कैसा था उनका जीवन? क्या खास किया था उन्होंने ? स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में विश्वनाथ दत्ता और भुवनेश्वरी देवी के घर नरेंद्र नाथ दत्त के रूप में हुआ था। 4 जुलाई, 1902 को बेलूर मठ में उनका देहांत हुआ। अपने देहांत तक उन्होंने एक ऐसी क्रांति ला दी थी, जिसकी गूंज आज तक दुनिया भर में है। अपने गुरु के संदेश वाहक के रूप में, वह एक शताब्दी से दुनिया भर के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत रहे हैं। इस लेख में, सद्गुरु स्वामी विवेकानंद के जीवन की कुछ घटनाओं के बारे में बता रहे हैं जिनसे यह पता चलता है कि अपने गुरु के साथ उनका क्या रिश्ता था और वह उनका कौन सा संदेश लोगों में फैलाना चाहते थे। रामकृष्ण परमहंस को दिव्यज्ञान प्राप्त होने के बाद, उनके बहुत सारे शिष्य बन गए। उनके एक शिष्य थे, स्वामी विवेकानंद। विवेकानंद अमेरिका जाने वा...

खेत से विदेश तक: जैविक खेती ने बदली किसानों की किस्मत | FPO Success Story

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Keywords: जैविक खेती, किसान उत्पादक संगठन, FPO, जैविक भिंडी, कृषि निर्यात, देसी बीज संरक्षण, किसानों की आमदनी, जैविक खाद उत्पादन, दुबई निर्यात, भारतीय कृषि सफलता भारत की कृषि तेजी से बदल रही है। अब किसान केवल अनाज पैदा नहीं करते, बल्कि वैश्विक बाजारों में अपनी पहचान बना रहे हैं। इसी बदलाव की शानदार मिसाल है भारत का एक FPO (किसान उत्पादक संगठन) जिसने जैविक खेती के दम पर 613 किसानों की आय को दोगुना कर दिया है और दुबई तक निर्यात कर रहा है। FPO: किसानों के लिए मालिकाना भविष्य यह संगठन किसानों को एक साथ जोड़कर: • उत्पादन • पैकेजिंग • निर्यात • बाज़ार मूल्य निर्धारण सब कुछ किसानों के नाम से कर रहा है। सबसे अच्छी बात यह कि किसानों को बाजार से दोगुना भाव मिल रहा है। अब बिचौलिया नहीं, किसान ही मालिक!  जैविक खेती का चमत्कार इस एफपीओ का मुख्य फोकस है Organic Farming : • मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना • रसायनों से छुटकारा • सुरक्षित और पौष्टिक भोजन सबसे बड़ी कामयाबी है जैविक भिंडी का निर्यात। विशेष रूप से राधिका भिंडी की अंतरराष्ट्रीय मांग है। दुबई में चमकी भारतीय भिंडी ...

कानपुर के छुपे मंदिर और उनका प्राचीन इतिहास

कानपुर को  उद्योग और शिक्षा के शहर के रूप में जाना जाता है, लेकिन इस धरती पर इतिहास के कई ऐसे रहस्य छिपे हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। यहाँ कई अति प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जिनका संबंध हिंदू सभ्यता के शुरुआती काल से माना जाता है  मानसून का संदेशवाहक: कानपुर के पास स्थित चमत्कारी प्राचीन मंदिर की अनोखी कहानी उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर, घाटमपुर तहसील के पास बसा है एक छोटा-सा गांव — **बेटा**। गांव शांत है, प्रकृति से घिरा है, लेकिन इसकी पहचान बेहद असाधारण है। यहां मौजूद है एक **प्राचीन जगन्नाथ मंदिर**, जो न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि **मानसून की भविष्यवाणी** में भी चमत्कारी माना जाता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह मंदिर कभी झूठ नहीं बोलता। वर्षा कब आएगी, हल्की होगी या तेज, इसका संकेत मंदिर के **गुंबद पर लगे एक रहस्यमयी पत्थर** से मिलता है। लोगों का कहना है कि इस शक्ति ने कई बार वैज्ञानिकों को भी हैरान किया है।  रहस्यमयी पत्थर जो बताता है आसमान का हाल मंदिर के गुंबद पर जड़ा यह प्राचीन पत्थर बिल्कुल सामान्य नहीं है। इसकी विशेषता मानसून ...

कत्यूरी राजवंश की कई शाखाएं केंद्रीय सत्ता के कमजोर होने के कारण उभरीं

 उत्तराखंड के इस महत्वपूर्ण राजवंश की उत्पत्ति, राजधानियों (जैसे बैजनाथ), और अभिलेखीय साक्ष्यों (ताम्रपत्र और मूर्ति लेख) पर चर्चा है। राजवंश के भीतर मौजूद विभिन्न क्षेत्रीय शाखाओं जैसे अस्कोट, पाली पछाऊं और सिरा केवल का उल्लेख करते हुए उनके संस्थापक राजाओं और उनके शासनकाल की प्रमुख घटनाओं का वर्णन करता है। वक्ता ऐतिहासिक स्रोतों की कमी के कारण जागरणों (स्थानीय लोक कथाओं) और पुरातात्विक साक्ष्यों के बीच समानता स्थापित करने की चुनौती पर भी प्रकाश डालता है, और वीडियो में कत्यूरी स्थापत्य शैली और राजाओं के क्रूर शासन को राजवंश के पतन का कारण बताया गया है। विभिन्न कत्यूरी शाखाओं के बीच अंतर्संबंध, स्वतंत्रता और समकालीन सत्ता संघर्ष कैसे थे?  कत्यूरी राजवंश के पतन और बाद की सत्ता संरचना को समझने के लिए विभिन्न शाखाओं के बीच के अंतर्संबंध, स्वतंत्रता की घोषणा, और उनके समकालीन संघर्षों को जानना आवश्यक है। आपके स्रोतों के आधार पर, विभिन्न कत्यूरी शाखाओं के बीच अंतर्संबंध, स्वतंत्रता और सत्ता संघर्ष निम्नलिखित रूप से परिभाषित किए जा सकते हैं: I. शाखाओं का उद्भव और अंतर्संबंध (Formation...

सिंधु सभ्यता का जीवंत बालाजी विश्वनाथ मंदि

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सिंधु घाटी सभ्यता सिंधु सभ्यता का जीवंत बालाजी विश्वनाथ मंदिर स्थान: बिहटा बुजुर्ग, कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश भारत की प्राचीनता सदियों की धूल में छिपे रहस्यों से भरी है। उन्हीं रहस्यों के बीच चमकता है बिहटा बुजुर्ग का बालाजी विश्वनाथ मंदिर , जिसे कई शोधकर्ता सिंधु घाटी सभ्यता काल से जोड़ने की संभावना व्यक्त करते हैं। खास बात यह है कि यह मंदिर आज भी जीवित पूजा स्थल है, इसलिए इसे भारत का सबसे प्राचीन जीवंत मंदिर होने का दावा किया जाता है!  यह क्यों इतना अनोखा है? वीडियो स्रोत के अनुसार कुछ प्रमुख तर्क दिए जाते हैं— पशुपति नाथ शैली की मूर्ति शिव की मूर्ति में वैसी ही आकृति दिखाई देती है जैसी मोहनजोदड़ो की सीलों पर प्रसिद्ध “पशुपति योगी” में मिलती है 12 स्तंभों वाला प्राचीन वास्तु यह शैली कई अन्य प्राचीन संरचनाओं से संबंध का संकेत देती है मान्यता है कि यह स्थान प्राचीन तीर्थ मार्गों का केंद्र रहा होगा सरस्वती नदी के बहाव के संकेत शोधों में इस क्षेत्र से सरस्वती नदी की शाखाओं के प्रमाण मिलने की बात कही गई है यानी यह भूमि कभी नदी संस्कृति का प्रमुख केंद्र ...

कार्तिकेयपुर राजवंश: कुमाऊँ का शौर्य और स्वर्णिम धरोहर

कार्तिकेयपुर राजवंश: कुमाऊँ का शौर्य और स्वर्णिम धरोहर भारत की पर्वतमाला हिमालय के मध्य भाग में फैला उत्तराखंड केवल प्राकृतिक सौंदर्य का भंडार नहीं, इतिहास के अनगिनत रत्न भी यहीं छिपे हैं। इन्हीं रत्नों में से एक है कार्तिकेयपुर राजवंश , जिसे कत्युरी राजवंश भी कहा जाता है। यह वंश कुमाऊँ का सबसे प्राचीन और शक्तिशाली शासक वंश माना जाता है। कहा जाता है कि इस वंश का नाम भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय (कुमार) के नाम पर पड़ा, इसलिए यह वंश स्वयं को सूर्यवंशी और शिव-भक्त मानता था। कालखंड और विस्तार प्रमुख अवधि राज्य का विस्तार लगभग 7वीं शताब्दी से 11वीं शताब्दी कुमाऊँ, कुमाऊँ से आगे नेपाल के पश्चिमी भाग तक कत्युरी शासकों ने अपनी राजधानी बागेश्वर क्षेत्र में बसे कार्तिकेयपुर (कत्यूर घाटी) में स्थापित की। उनका साम्राज्य आज के: उत्तराखंड का कुमाऊँ क्षेत्र नेपाल के कंचनपुर, डोटी, बैतड़ी आदि गढ़वाल के कुछ हिस्सों तक फैला हुआ था। प्रमुख राजा राजा का नाम विशेषता कात्युरेश्वर / शालिवाहन वंश के प्रारंभिक शक्तिशाली शासक निहस पाल, कर्चलदेव साम्राज्य वि...

In Russia's 'blitz' of Ukraine, the question of appeasement is back

A large gulf remains between the US and European view of how to end the Ukraine war.

Inside Syria's jail for IS suspects as officials say attacks by group are rising

Kurdish counter-terrorism officials tell the BBC so-called Islamic State cells in Syria are regrouping and increasing attacks.