स्वस्ति संव्रद्धते देहः स्वक्षेमे कालप्रेरिणम्। विकल्पपापवृज्जंनो क्षेमायश्च [१७ क]
प्रशीदति:।। कर्म्मेण प्रवर्तमानः कलि-
. युगे समस्तसरभूपालामोलिपालश्चचरणाम्बुजस्य राज्यम्। | श्रीमदयद्धिष्ठिरस्यादिराज्ये। | हिमवन्तशेल्यम ध्यवर्त्तणी, महार-
न्यभूते भूमण्डले।। प्रधानश्रीभृङ्गारेश्वरः भटारिक प्रादर्भत:।। तदन गोतमादिभिः ऋषिग्नैस्तश्र प्रचरतिः।। गोत्मेश्वराद-
यो देवा प्रतिष्ठिताम्।। तत्रांतरे श्रीभृड्गारेशवरीभटारिका श्लेष्मान्तकःवने विहरति गोपालो बभूवः तत पश्चात् मालाखातः
गोग्रामस्य आगमेन, नेपनामा गोलकस्य। बहुही नाम कपिला गावी, वाग्मतीतीरे, स्वयन्दिनप्रति गत्वा सुशीरपजाके क्षीर-
धारा, तेन ART, ASM गोपालेन दुष्टाः खनित्वा चः श्रीमत्पशुपतिभटारक [१७ ख]
प्रादर्भतः। । तत्राद्यो राजा श्रीभूमिगप्तः। वर्ष ८६।। राजा श्री-
य(ज)यगुप्त वर्ष ७३ मा ३।। राजा श्री धर्म्मगुप्त वर्ष ९१।। राजा श्री हर्षगुप्त वर्ष ६७।। राजा श्रीभीमराप्त वर्ष ३४।। राजा श्रीमनिगुप्त वर्ष ३-
७।। राजा श्रीविष्णुगप्त वर्ष ४६।। राजा श्रीजिनगप्त वर्ष ७१ एवम्मष्टा गोपालराजा भवतिः। | I । तदनु गोपालराजा निर्ज्जित्य
महिषपालनाम् यथाक्रमेनः राज्यपदम्भुंजीतः।। राजा श्रीवरसिह वर्ष ४९ राजा श्रीजयसिह वर्ष ७१ मा २।। राजा श्रीभुवनांशह
वर्ष ४१।। एते त्रय महिष्रपाल राजा।। तत पश्चात् गोपालमहिषपाल निर्ज्जित्य: किरातराजा प्रवर्ततः।। ।।राजा श्रीएलम् वर्ष ९०। राजा श्री
M.
x
[15 ख] १
Y
-
We वर्ष ८१।। राजा श्रीमेलं वर्ष ८९।। राजा श्रीचंमिं वर्ष ४२।। राजा श्रीधस्क वर्ष ३७।। राजा Maga वर्ष ३१ मा ६।। राजा श्रीहंतिं वर्ष ४० मा ८ राजा श्रीहरमा वर्ष ५०।। राजा श्रीतस्के वर्ष ४१ मा ८।। राजा श्रीप्रसफ बर्ष ३८ मा ६।। राजा श्रीपवः वर्ष ४६।। राज़ा श्रीदास्ती वर्ष ४०।।
राजा श्रीचम्व वर्ष ७१ ।। राजा श्रीकंक वर्ष ५४।। राजा श्रीस्वनन्द वर्ष ४० मा ६।। राजा श्रीफुकों वर्ष ५८।। राजा श्रीशिघु वर्ष ४९ मा ६।। राजा श्रीजलम वर्ष ७३ मा ३।। राजा श्रीलुक वर्ष ४०।। राजा श्रीथोरम् वर्ष ७१।। राजा श्रीथृको ՀՎ ८३।। राजा श्रीवर्म्म वर्ष ७३ मा ६।। राजा श्रीगुंजं व-
Վ ७२ मा ७।। War Maes वर्ष ८१।। राजा श्रीत्यपमि वर्ष ५४।। राजा श्रीमुगमम् वर्ष ५८।। राजा श्रीशसरु वर्ष ६३।। राजा श्रीगुणं वर्ष ७४।। राजा श्रीखिम्-
धारा, तेन ART, ASM गोपालेन दुष्टाः खनित्वा चः श्रीमत्पशुपतिभटारक [१७ ख]
प्रादर्भतः। । तत्राद्यो राजा श्रीभूमिगप्तः। वर्ष ८६।। राजा श्री-
य(ज)यगुप्त वर्ष ७३ मा ३।। राजा श्री धर्म्मगुप्त वर्ष ९१।। राजा श्री हर्षगुप्त वर्ष ६७।। राजा श्रीभीमराप्त वर्ष ३४।। राजा श्रीमनिगुप्त वर्ष ३-
७।। राजा श्रीविष्णुगप्त वर्ष ४६।। राजा श्रीजिनगप्त वर्ष ७१ एवम्मष्टा गोपालराजा भवतिः। | I । तदनु गोपालराजा निर्ज्जित्य
महिषपालनाम् यथाक्रमेनः राज्यपदम्भुंजीतः।। राजा श्रीवरसिह वर्ष ४९ राजा श्रीजयसिह वर्ष ७१ मा २।। राजा श्रीभुवनांशह
वर्ष ४१।। एते त्रय महिष्रपाल राजा।। तत पश्चात् गोपालमहिषपाल निर्ज्जित्य: किरातराजा प्रवर्ततः।। ।।राजा श्रीएलम् वर्ष ९०। राजा श्री
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें