सेक्स के दौरान मिलने वाले 'आनंद' को मापा जा सकता है?

 इस दुनिया में मानव ही एकमात्र ऐसा जीव है जिसके लिए यौन संबंध का मक़सद महज़ प्रजनन नहीं बल्की इसके ज़रिए वह एक तरह के आत्मिक सुख की प्राप्ति भी करता है.


इटली के वैज्ञानिक और रोम टोर वर्गेटा यूनिवर्सिटी में मेडिकल सेक्सोलॉजी के प्रोफ़ेसर इमैनुएल जनीनी इस बात पर ज़ोर देते हुए कहते हैं कि इंसानों के बीच बनने वाले संबंधों में प्रजनन के साथ-साथ यौन सुख भी काफ़ी महत्व रखता है.


जनीनी के अनुसार यही वजह है कि सेक्स पर रिसर्च करने वाले तमाम वैज्ञानिक सेक्स के दौरान मिलने वाले सुखद अनुभव को मापने की कोशिश भी करते रहते हैं.


सेक्स और उसके सुख से जुड़ा एक और सवाल हमेशा समाज में पूछा जाता है कि सेक्स के दौरान महिला और पुरुष में किसे कितना यौन सुख प्राप्त होता है.

दूसरे शब्दों में कहें तो इसे कामोत्तेजना या फिर ऑर्गेज़्म कहा जाता है.  सेक्स के दौरान मिलने वाले 'आनंद' को मापा जा सकता है

जनीनी ने इटली के कई विश्वविद्यालयों के शोधकर्मियो के साथ मिलकर महिलाओं में ऑर्गेज़्म मापने के लिए एक स्टडी की.

उनकी स्टडी को वैज्ञानिक जर्नल प्लोस वन में 'ऑर्गेज़्मोमीटर-एफ़' नाम से 29 अगस्त को प्रकाशित किया गया.

जनीनी ने बीबीसी को बताया कि पहली बार महिलाओं के ऑर्गेज़्म के बारे में इस तरह की कोई स्टडी की गई है. इस स्टडी में महिलाओं में ऑर्गेज़्म मापने के लिए साइकोमीट्रिक टूल का इस्तेमाल किया गया.

प्रोफ़ेसर जनीनी बताते हैं, ''हमारा मक़सद था कि हम सेक्स से जुड़ी अलग-अलग क्रियाओं जैसे इंटरकोर्स, मास्टरबेशन और अन्य सेक्सुअल तरीकों से महिलाओं में यौन सुख की मात्रा मापना.''


है र्गेज़्मोमीटर?

जनीनी बताते हैं कि ऑर्गेज़्मोमीटर कोई उपकरण या मशीन नहीं है. ऑर्गेज़्मोमीटर का मतलब है ऑर्गेज़म को मापना.

वे अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहते हैं, ''जिस तरह दर्द को मापने के लिए उपकरण नहीं है, वैसे ही ऑर्गेज़्म को मापने के लिए भी कोई मशीन या उपकरण नहीं है.''

ऑर्गेज़्म या दर्द हर किसी के लिए अलग-अलग होता है. यह इंसान के निजी अनुभव पर निर्भर करता है. यही वजह है कि इसे मापने के लिए एक स्केल का इस्तेमाल ही सबसे बेहतर होगा.

जनीनी बताते हैं, ''दुनिया भर में दर्दनिवारक दवाइयों को एनालॉग स्केल के तहत मापकर ही बेचा जाता है. दर्द और आनंद दोनों एक ही सिक्के के अलग-अलग पहलू हैं. इसीलिए इन्हें मापने के लिए किसी मशीन की जगह स्केल का इस्तेमाल किया जा सकता है.''

''जिस तरह के स्केल से दर्द की मात्रा का पता लगाया जाता है हमने उसी स्केल के ज़रिए ऑर्गेज़्म की मात्रा मापी क्योंकि इन दोनों एहसासों का संबंध दिमाग़ के एक ही हिस्से से होता है. कोई एक चीज़ किसी इंसान के लिए दर्दनाक हो सकती है जबकि दूसरे के लिए उसमें सुख छिपा हो सकता है.''

जनीनी अपनी इस बात को एक उदाहरण देकर समझाते हैं, ''मान लीजिए आपने कोई बेहद मसालेदार खाना खाया, वह खाना आपके लिए बहुत बेस्वाद-दर्दनाक हो सकता है जबकि किसी दूसरे व्यक्ति को उसी खाने में बहुत अधिक स्वाद और सुख मिल सकता है.''

जनीनी सेक्स के बारे में भी ऐसा ही एक उदाहरण देते हैं, ''महिलाओं में यौन सुख के लिए क्लिटोरिस सबसे अहम हिस्सा होता है, लेकिन ज़रूरी नहीं कि हमेशा इससे आनंद ही मिले. बलात्कार जैसे मामलों में भी यौन संबंध ही बनाए जाते हैं, क्लिटोरिस के ज़रिए उत्तेजना पैदा करने की कोशिश होती है, लेकिन इस तरह के यौन संबंध में दर्द होता है. हमारा दिमाग हमें संदेश भेज देता है कि इस यौन संबंध में दर्द है आनंद नहीं.''sabhar BBC.COM 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ऐतिहासिक कत्यूरी राजवंश प्रभु श्री राम की मुख्य शाखा

प्रेतात्माओं के शरीर ईथरिक व एस्ट्रल ऊर्जा से निर्मित होते हैं

दुनिया खोज रही है ये रहस्य, आप भी जानिए...