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2030 तक एलियंस का पता लगा लेगा दुनिया का सबसे बड़ा दूरबीन

 लंदन. एलियंस होते हैं या नहीं, इसका पता लगाने के लिए नासा नई योजना पर काम कर रहा है। वैज्ञानिकों की योजना अंतरिक्ष में अभी तक का सबसे बड़ा दूरबीन लगाने की है, जिससे लाखों मील दूर दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं का पता लगाया जा सके।   खास बात यह है कि यह दूरबीन इतना बड़ा होगा कि इसे धरती से रॉकेट की मदद से नहीं ले जाया जा सकेगा, इसलिए अंतरिक्ष में ही इसे तैयार किया जाएगा। इस काम के लिए नासा जल्द ही अंतरिक्ष में लाखों मील दूर एस्ट्रोनॉट्स की एक टीम भेजना वाला है। यह प्रोजेक्‍ट 2030 तक तैयार हो सकता है।   एडवांस्ड टेक्नोलॉजी लार्ज अपर्चर स्पेस टेलिस्कोप (एटीएलएसटी) दुनिया का सबसे शक्तिशाली दूरबीन होगा। ये दूरबीन ग्रहों के वातावरण और 30 प्रकाश वर्ष दूर तक की सौर प्रणाली का विश्लेषण करने में सक्षम होगा। माना जा रहा है कि ये दूरबीन एस्ट्रोनोमर्स के लिए निर्णायक साबित होगा।   दुनिया का सबसे बड़ा दूरबीन दूरबीन के जरिए ये पता लगाना आसान होगा कि अंतरिक्ष के अनदेखे क्षेत्रों में अलौकिक जीवन मौजूद है या नहीं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्रहों का विश्लेषण करने में सक्षम ये...

ऐतिहासिक कत्यूरी राजवंश प्रभु श्री राम की मुख्य शाखा

  कत्यूरी शासन 2500 वर्ष पूर्व से 700 ईस्वी तक रहता है कत्यूरी राजाओं की राजधानी पहले जोशीमठ थी बाद में कार्तिकेयपुर। उस समय कहा जाता है, कि उनका साम्राज्य सिक्किम से लेकर काबुल तक था। दिल्ली रोहिलखंड आदि प्रांत में भी कत्यूरी राज्य शासन की सीमा के अंदर आते थे।  इतिहासकार अलेक्जेंडर कनिंघम ने भी इसका अपनी पुस्तक में जिक्र किया है। कत्युरी क्षेत्र ने प्रसिद्धि चंद राजाओं के काल में पाई। महाभारत में यह लिखा है, कि जब युधिष्ठिर महाराज ने अपने प्रतापी भाई भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव को विजय के लिए भेजा तो उस समय उनका युद्ध यहां पर कई जाति के क्षत्रियों से हुआ था। और वे लोग राजसूय यज्ञ में नजराना लेकर गए थे। कत्यूरी सम्राट शालिवाहन:- लगभग 3000 वर्ष पूर्व शालिवाहन नामक राजा कुमाऊँ में आए। वे कत्यूरियों के मूल पुरुष थे। पहले उनकी राजधानी जोशीमठ के आसपास थी।  राजा शालिवाहन अयोध्या के सूर्यवंशी राजपूत थे। अस्कोट जो कि वर्तमान में पिथौरागढ़ में स्थित है, खानदान के राजबार लोग, उनके वंशज है, कहते हैं कि वह अयोध्या से आए थे और कत्यूर में बसे।  कत्युरी राजा कार्तिकेयपुर से गढ़वाल का ...

सेक्स के दौरान मिलने वाले 'आनंद' को मापा जा सकता है?

 इस दुनिया में मानव ही एकमात्र ऐसा जीव है जिसके लिए यौन संबंध का मक़सद महज़ प्रजनन नहीं बल्की इसके ज़रिए वह एक तरह के आत्मिक सुख की प्राप्ति भी करता है. इटली के वैज्ञानिक और रोम टोर वर्गेटा यूनिवर्सिटी में मेडिकल सेक्सोलॉजी के प्रोफ़ेसर इमैनुएल जनीनी इस बात पर ज़ोर देते हुए कहते हैं कि इंसानों के बीच बनने वाले संबंधों में प्रजनन के साथ-साथ यौन सुख भी काफ़ी महत्व रखता है. जनीनी के अनुसार यही वजह है कि सेक्स पर रिसर्च करने वाले तमाम वैज्ञानिक सेक्स के दौरान मिलने वाले सुखद अनुभव को मापने की कोशिश भी करते रहते हैं. सेक्स और उसके सुख से जुड़ा एक और सवाल हमेशा समाज में पूछा जाता है कि सेक्स के दौरान महिला और पुरुष में किसे कितना यौन सुख प्राप्त होता है. दूसरे शब्दों में कहें तो इसे कामोत्तेजना या फिर ऑर्गेज़्म कहा जाता है.   सेक्स के दौरान मिलने वाले 'आनंद' को मापा जा सकता है जनीनी ने इटली के कई विश्वविद्यालयों के शोधकर्मियो के साथ मिलकर महिलाओं में ऑर्गेज़्म मापने के लिए एक स्टडी की. उनकी स्टडी को वैज्ञानिक जर्नल प्लोस वन में 'ऑर्गेज़्मोमीटर-एफ़' नाम से 29 अगस्त को प्रकाशित...

स्मार्ट महिलाएं शादी नहीं करतींः जापान में बदलाव की कोशिश

 जापान में महिलाओं द्वारा विज्ञान के विषयों में करियर ना बनाने पर देश काफी चिंतित है. कई कोशिशें की जा रही हैं ताकि रूढ़िवादी सोच को बदला जा सके. स्मार्ट महिलाएं शादी नहीं करतींः जापान में बदलाव की कोशिश जापान में महिलाओं द्वारा विज्ञान के विषयों में करियर ना बनाने पर देश काफी चिंतित है. कई कोशिशें की जा रही हैं ताकि रूढ़िवादी सोच को बदला जा सके. https://www.dw.com/hi/smart-girls-dont-marry-japan-rushes-to-erase-stigma-for-women-in-science/a-66196266 जापान के सबसे अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक में थर्ड ईयर की छात्रा युना कातो रिसर्च में अपना करियर बनाना चाहती हैं. लेकिन उन्हें डर है कि अगर उनके बच्चे हुए तो उनका करियर बहुत छोटा हो जाएगा. कातो कहती हैं कि उनके रिश्तेदारों ने उन्हें विज्ञान, तकनीकी, इंजीनियरिंग और गणित जैसे विषयों से दूर रहने की सलाह दी थी क्योंकि वे मानते हैं कि इन विषयों में करियर बनाने वाली महिलाओं की जिंदगी बहुत व्यस्त होती है इसलिए उन्हें लोगों से मिलने-जुलने या फिर पतियों के लिए समय निकालने की फुर्सत नहीं मिलती. कातो कहती हैं, "मेरी दादी और मां अक्सर मुझ...

IPO This Week: पांच सब्सक्रिप्शन, छह लिस्टिंग्स; इस हफ्ते आईपीओ मार्केट में जमकर बारिश

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 IPO This Week: आईपीओ निवेशकों के लिए यह सप्ताह काफी व्यस्त रहने वाला है। इसकी वजह ये है कि इस हफ्ते पांच कंपनियों के आईपीओ में पैसे ला सकते हैं तो 6 कंपनियों के शेयरों की घरेलू मार्केट में लिस्टिंग है। इस हफ्ते जो आईपीओ खुलने वाले हैं, उनमें से सिर्फ एक ही मेनबोर्ड यानी बीएसई और एनएसई पर लिस्टिंग के लिए खुलेगा और वह है उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक (Utkarsh Small Finance Bank) का आईपीओ sabhar: https://hindi.moneycontrol.com/news/ipo/ipo-this-week-5-public-issue-including-utkarsh-small-finance-bank-ipo-and-6-listings-in-queue-ipo-investors-very-busy-this-week-1352291.html

दुनिया खोज रही है ये रहस्य, आप भी जानिए...

 प्रस्तुति : अनिरुद्ध जोशी 'शतायु' पहले बल्ब का जलना, विमान का उड़ना, सिनेमा और टीवी का चलन, मोबाइल पर बात करना और कार में घूमना एक रहस्य और कल्पना की बातें हुआ करती थीं। आज इसके आविष्कार से दुनिया तो बदल गई है, लेकिन आदमी वही मध्ययुगीन सोच का ही है। धरती तो कई रहस्यों से पटी पड़ी है। उससे कहीं ज्यादा रहस्य तो समुद्र में छुपा हुआ है। उससे भी कहीं ज्यादा आकाश रहस्यमयी है और उससे कई गुना अं‍तरिक्ष में अंतहीन रहस्य छुपा हुआ है। दुनिया में ऐसे कई रहस्य हैं जिनका जवाब अभी भी खोजा जाना बाकी है। विज्ञान के पास इनके जवाब नहीं हैं, लेकिन खोज जारी है। ऐसे कौन-कौन से रहस्य हैं जिनके खुलने पर इंसान ही नहीं, धरती का संपूर्ण भविष्य बदल जाएगा। आओ जानते हैं ऐसी ही 10 रहस्य और रोमांच से भरी बतों को... 1. टाइम मशीन : समय की सीमाएं लांघकर अतीत और भविष्य में पहुंचने की परिकल्पना तो मनुष्य करता रहा है। भारत में ऐसे कई साधु-संत हुए हैं, जो आंख बंद कर अतीत और भविष्य में झांक लेते थे। अब सवाल यह है कि यह काम मशीन से कैसे हो? इंग्लैंड के मशहूर लेखक एचजी वेल्स ने 1895 में 'द टाइम मशीन' नामक एक उ...

AI का भविष्य क्या है? दायरे और विचारों के बारे में जानें

इस दुनिया ने चार बड़ी क्रांतियाँ देखी हैं जिन्होंने इसका पूरा चेहरा बदल दिया। पहली क्रांति 1784 में हुई जब पहला भाप इंजन पेश किया गया। 1870 में दूसरी क्रांति में बिजली का आविष्कार हुआ। तीसरा 1969 में जब सूचना प्रौद्योगिकी शब्द दुनिया में पेश किया गया था। और चौथी है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्रांति जिसे हम अभी अनुभव कर रहे हैं। एआई के भविष्य में और अधिक आविष्कार होंगे जो हमें एक अद्वितीय भविष्य के करीब लाएंगे। इस लेख में, हम निम्नलिखित विषयों को कवर करेंगे: एआई का विकास एआई क्रांति की शुरुआत हाल के एआई आविष्कार एआई का भविष्य एआई का विकास कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) मशीनों के लिए अनुभव से सीखना, नए इनपुट के साथ तालमेल बिठाना और मानव जैसे कार्य करना संभव बनाती है। सोच मशीनों पर सबसे पहला शोध उन विचारों के संगम से प्रेरित था जो 1930 के दशक के अंत, 1940 के दशक और 1950 के दशक की शुरुआत में प्रचलित हुए थे। तो आइए 50 के दशक की शुरुआत से लेकर आज तक जीवन बदलने वाली इस तकनीक के विकास पर एक नज़र डालें: एआई का विकास- एआई का भविष्य - एडुरेका 1950 में एलन ट्यूरिंग ने ट्यूरिंग परीक्षण तैयार क...