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एड्स को रोकने वाली क्रीम की खोज

वैज्ञानिको ने एक ऐसी क्रीम की खोज की है जो एड्स की रोकथाम में कारगर होगी इस क्रीम का इस्तेमाल केवल महिलाए कर सकेंगी लेकिन यौन सम्बन्ध बनाने पर पुरूष या महिला किसी को भी एड्स है तो पार्टनर के एड्स होने का खतरा नहीं रहेगा इस क्रीम पर शोध दछिण अफ्रीका में हुआ है इस क्रीम के उत्पादन की मंजूरी दे दी गयी है और शिग्र ही बाजार में आ जाएगी हाल ही में आस्ट्रिया में हुयी इंटर नॅशनल एड्स कांफ्रेंस में इस क्रीम पर हुए शोध पर सफलता की जानकारी दी गयी इस क्रीम को अबतक सबसे कारगर तरीको में से एक है जो एड्स रोक सकती है क्रीम का निर्माण उन्ही एंटी वाइरल दवाओं के फार्मूले पर किया गया है जो एड्स होने पर दी जाती है

टच स्क्रीन आप के कलाई पर होगा

वैज्ञानिक युग के क्या संभव हो जाएगा यह कहा नहीं जा सकता है अब टच स्क्रीन के सम्बन्ध में इक क्रांती आ गयी है जो कलाई पर होगा, वैज्ञानिको के अन्तराष्ट्रीय दल ने इस तकनीक का नाम दिया है ' स्कीन पुट' यह उपकरण ब्यक्ति के हाथ में कलाई से कोहनी तक के हिस्से को टच स्क्रीन में बदल देगा चाहे मनपसंद संगीत सुनना हो या काल मिलानी हो , ब्यक्ति को दूसरे हाथ की उंगलियों से इस हिस्से की त्वचा को छूना भर होगा यह उपकरण ध्वनिक सेंसर और मिनी प्रोजेक्टर से चलेगा इसे ब्लू ट्रुथ जैसी वायर लेस सेवा से आसानी से जोड़ा जा सकेगा इसको तकनीक के जरिए मोबाईल , कम्पूटर , आई पाड, से आसानी से जोड़ा जा सकता है

दुनिया का पहला सिंथेटिक पेड़

अमेरिकी वैज्ञानिको ने दुनिया का पहला सिंथेटिक पेड़ बनाया है कर्नेल स्थित एक प्रयोगशाला में इस पेड़ को ट्रांसिपिरेसन से बनाया गया ट्रांसिपिरेसन से ही नमी पेड़ो की उची शाखाओ को पहुचती है पत्रिका नेचर के अनुसार इस खोज से पेड़ पौधे में ट्रांसपिरेसन की उस पुरानी थ्योरी को बल मिलता जिसमे कहा है की यह पूरी तरह भौतिक प्रक्रिया है और इसमे किसी जैविक ऊर्जा की जरूरत नहीं होती इससे कार इमारतों के तापमान के स्थान्तरण और मिट्टी को उपजाऊ बनाने में मदद मिल सकती है इससे आंशिक तौर पर सुखी जमीन से पानी निकालने में मदद मिल सकती है

नयनो वाकर की खोज

अमेरिकी वैज्ञानिको ने पहली बार मनुष्य की भांति चलने वाला अणु डिजाईन किया है जिसे नयनो वाकर नाम दिया गया है नयनो वाकर के माध्यम से बहुत सी सुचनाये छोटे से चिप में एकत्र की जा सकती है वैज्ञानिको के अनुसार सूछ्म अणु के सपाट पर मनुष्य की भांति सीधा चलना अदभुत है इससे पुरे विश्व जहाँ हम रहते है की नक़ल नयनो मीटर से स्केल से उतारी जा सकती है ९, १० डि डि ऐ को जोड़ने वाले तत्व पैरो का काम करते है उष्मा मिलते यह सक्रिय होजाता है और उससे चलने फिरने की उर्जा मिलने लगती है डिडिऐ बिना नयनो रेल या नयनो ग्रुब्स के सपाट सतह पर मनुष्य की तरह चल सकता है नयनो वाकर पहली बार १००००० से अधिक कदम चला जहाँ तक डिडिऐ का प्रश्न है इसे मनुष्य की तरह चलने फिरने के लिए किसी सहारे कीजरूरत नहीं होती

बिना चीरे के होगी मस्तिष्क की सर्जरी

मस्तिष्क की सर्जरी के लिए अब डाक्टरों को चीरा लगाने की जरूरत नहीं होगी वैज्ञानिको ने कहा गामा नाइफ नामक उपकरण से विना चीरा लगाये मस्तिष्क की सर्जरी की जा सकती है वैज्ञानिको का दावा है की वे अब बिना चीर फाड़ किये मस्तिष्क कैंसर से पीड़ित मरीजो के मस्तिष्क की नेयुरोलाजिकल सर्जरी कर सकते है सिडनी स्थित मैक्वायर विश्व विद्यालय अस्पताल ने गामा नाइफ का उपयोग कर पहली बार सर्जरी की यह उपकरण मस्तिष्क कैंसर और मस्तिष्क सम्बंधित कई बीमारियों के इलाज के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है न्यूरो सर्जन डा जान फ्यूलर ने कहा गामा नाइफ से सर्जरी अपने आप में पहली सरजरी है और बताया की इलाज के दौरान मरीज होश में था इसमे हेलमेट नुमा उपकरण मरीज के सर पर पहना कर कोबाल्ट -६० स्रोतों के विकिरण पुंज को मस्तिष्क के भीतरी लछ्य पर डाला जाता है इसका अविष्कार स्वीडन के लार्स लेक्सेल ने १९६७ में किया था

कपड़ो से पैदा होगी बिजली

जल्द ही बाजारों में नैनो फाइबर से बने पावर सूट उपलब्ध होंगे वैज्ञानिको ने हमारी जीवन सैली में क्रांती ला दी है उन्होंने इंसान की सुख सुबिधा के लिए ऐसे उपकरण इजाद किये है जो सस्ते टिकाओ और आसानी से इस्तमाल किये जा सकते है अब अमेरिकी शोधकरता पावर सूट यानी ऐसा कपड़ा बना रहे है जो सरीर से निकली उर्जा को विजली में बदल देगा ये कपडे फिबर नैनो जनरेटर से बने होंगे कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में मेकनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर लिविलिन ने कहा की हमने यांत्रीक उर्जा को विदुत उर्जा में बदलने वाले नैनो फायबर विकसीत किये है नैनो फाइबर में पैजोइलेक्ट्रीक का गुण होता है जो उठते बैठते टहलने या घुमने के दौरान शरीर से निकली उर्जा को ग्रहण कर विजली में बदल देगा इससे मोबाईल आईपाड और अन्य छोटे उपकरण कही और कभी भी चार्ज हो जायेंगे ऐसे स्मार्ट क्लोथ पहनने से करंट लगाने का डर नहीं होगा मुख्या शोधकर्ता चेह चंग के मुताबीक लचीले नंगे फाइबर को कपडे की तरह आसानी से बुना जा सकता है

इलैक्ट्रानिक स्किन का निर्माण

इलैक्ट्रानिक स्किन का अविष्कार यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का के रवि सराफ ने किया यह वास्तव में कागज़ से भी हजार गुना पतली फिल्म है जिसमे सोने और कैडमियम सैल्फाएद के सूछ्म कणों की परते अवस्थीत हैं विदुत की सुचालक इन परतो के बीच में कुचालक प्लास्टीक स्तर है साइंस पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक जैसे ही फिल्म में विदुत धारा प्रवाहित की जाती है दबाव विन्दुओं पर चालकता badane लगती है जिससे सूछ्म तत्व चमकने लगते हैं दबाव जितना अधिक होगा चमक उतनी ही अधिक होगी सराफ के मुताबिक़ इलैक्ट्रानिक स्किन के चलते रोबट की स्प़शानुभूति में कई गुना इजाफा होगा