सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

‘We Need to Unite’: Protests Against the Far Right Are Held Across France


By Catherine Porter and Liz Alderman from NYT World https://ift.tt/DHGLsQ0

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ऐतिहासिक कत्यूरी राजवंश प्रभु श्री राम की मुख्य शाखा

  कत्यूरी शासन 2500 वर्ष पूर्व से 700 ईस्वी तक रहता है कत्यूरी राजाओं की राजधानी पहले जोशीमठ थी बाद में कार्तिकेयपुर। उस समय कहा जाता है, कि उनका साम्राज्य सिक्किम से लेकर काबुल तक था। दिल्ली रोहिलखंड आदि प्रांत में भी कत्यूरी राज्य शासन की सीमा के अंदर आते थे।  इतिहासकार अलेक्जेंडर कनिंघम ने भी इसका अपनी पुस्तक में जिक्र किया है। कत्युरी क्षेत्र ने प्रसिद्धि चंद राजाओं के काल में पाई। महाभारत में यह लिखा है, कि जब युधिष्ठिर महाराज ने अपने प्रतापी भाई भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव को विजय के लिए भेजा तो उस समय उनका युद्ध यहां पर कई जाति के क्षत्रियों से हुआ था। और वे लोग राजसूय यज्ञ में नजराना लेकर गए थे। कत्यूरी सम्राट शालिवाहन:- लगभग 3000 वर्ष पूर्व शालिवाहन नामक राजा कुमाऊँ में आए। वे कत्यूरियों के मूल पुरुष थे। पहले उनकी राजधानी जोशीमठ के आसपास थी।  राजा शालिवाहन अयोध्या के सूर्यवंशी राजपूत थे। अस्कोट जो कि वर्तमान में पिथौरागढ़ में स्थित है, खानदान के राजबार लोग, उनके वंशज है, कहते हैं कि वह अयोध्या से आए थे और कत्यूर में बसे।  कत्युरी राजा कार्तिकेयपुर से गढ़वाल का ...

प्रेतात्माओं के शरीर ईथरिक व एस्ट्रल ऊर्जा से निर्मित होते हैं

 प्रेतात्माओं के शरीर ईथरिक व एस्ट्रल ऊर्जा से निर्मित होते हैं भारतीय संस्कृति के अनुसार प्रेत योनि के समकक्ष एक और योनि है जो एक प्रकार से प्रेत योनि ही है लेकिन प्रेत योनि से थोड़ा विशिष्ट होने के कारण उसे प्रेत योनि न कहकर पितृ योनि कहते हैं। प्रेतलोक के प्रथम दो स्तरों की मृतात्माएं पितृ योनि की आत्माएं कहलाती हैं। इसीलिए प्रेत लोक के प्रथम दो स्तरों को पितृ लोक की संज्ञा दी गयी है। यहां यह बतला देना आवश्यक है कि प्रेत शरीर की रचना में पच्चीस प्रतिशत फिजिकल एटम और पचहत्तर प्रतिशत इथरिक एटम होता है। इसी प्रकार पितृ शरीर के निर्माण में पच्चीस प्रतिशत ईथरिक एटम और पचहत्तर प्रतिशत एस्ट्रल एटम होता है। अगर ‘ईथरिक एटम’ सघन हो जाय तो प्रेतों का छाया चित्र लिया जा सकता है और इसी प्रकार यदि एस्ट्रल एटम सघन हो जाय तो पितरों का भी छाया चित्र लिया जा सकता है। लेकिन उसके लिए अत्यधिक सेन्सिेटिव फोटो प्लेट की आवश्यकता पड़ेगी और वैसे फोटो प्लेट के बनने की संभावना निकट भविष्य में नहीं है। वर्तमान में इसके लिए जो फोटो प्लेट बने हैं उनके ऊपर अभी केवल प्रयास करने पर ही प्रेतों के चित्र लिए जा सकते ...

Los Angeles Is Obsessed With These Cult Seasonal Melons

By Tejal Rao from NYT Food https://ift.tt/1Rbp2lS