आज स्त्री पुरुष संबंध समस्या क्यों उत्पन्न हो रही हैं: ऋतु सिसोदिया
क्षत्रियो में विवाह विच्छेद कभी हुए ही नही क्योंकि स्त्री आद्यत्मिक हुई ,ग्रहस्थ आश्रम का साधिका बन कर नीति नियम का पालन किया परस्पर सहयोग व समर्पण भाव से
अब समस्या इसलिए है कि स्त्री ने अयोग्य उद्दण्ड पुरुष को अस्वीकार कर दिया,,, तो समस्याए उतपन्न हो रही आद्यात्मिक्ता के बिना मानव हित व उत्थान कैसे संभव मां-बाप बच्चे भी वैसे ही होंगे मां-बाप का दोष है इसमें और एजुकेशन का सिस्टम सही नहीं है इसके कारण लव अफेयर्स लेट शादी करना है यह सब कारण है
क्या आपने कभी अपनी संतानों से विवाह संस्कार की क्या उपयोगिता व महत्व है साझा किया क्या आपने इन विषयों का ज्ञान कराया कि विवाह मुख्य उद्द्देस्य क्या है
शायद नही
और उन्होंने जो मनोरंजन के तौर पर व्यवसायिक ड्रस्टीकों से बनाई गई फूहड़ त tv सीरियल व फिल्मों आदि में आपत्तिजनक स्थिति देगी
कामवासनाओं को जाग्रत व संतुष्टि का साधन के तौर पर मात्र स्त्री पुरुष के सम्बन्धो को जोडकर तोड़ मरोड़कर परोस रहे
तो सत्य से अवगत कराएगा कौन
की हमारी पारिवारिक सामाजिक व्यवस्था क्या है हमारी लोक संस्कृति क्या है उसका क्या महत्व है हमारे जीवन
क्या आप अपने कर्तव्यों का पालन विधिवत कर रहे
शायद नही,,
यदि प्रत्येक माता पिता अपनी संतानों की परवरिश पर ध्यान दे व उनसे पारिवारिक सामाजिक 16 संस्कारो का विधिवत पालन कर उन्हें सिख्शित करे तो यह गन कर्म व संस्कार पीढ़ी दर पीढ़ी आगे जाएंगे
आपकी पकड़ ढीली हुई तो पतंग कटी
यही है वर्तमान की समस्या
आप देख रहे सुन रहे है ग्रहण कर रहे पाश्चात्य संस्कृति अब दामाद या बहु चाहिए भारतीय संस्क्रति वाला तो कैसे संभव है...🤔 या तो आचार विचार व व्यवहार भारतीय लोक संस्कृति का धारण कर सभ्य समाज का निर्माण कीजिये,, या फिर पूरी अंग्रेजी सभ्यता का पालन कीजिये
बिन पेंदी के लोटे बन कर रहोगे तो समस्या मुंह फैलाये खड़ी है समाधान स्वयं खोजिये ,,लोहा पीतल सोना चांदी सब उपलब्ध है चह्यन आपके है लेखक ऋतु सिसोदिया
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