नारी को शक्ति कहा गया शक्ति मतलब पावर ऊर्जा :ऋतु सिसोदिया

 नारी को शक्ति कहा गया शक्ति मतलब पावर ऊर्जा

अब ऊर्जा का वेग कितना है ये पुरुष समझ नही पाते नाही उस उर्जाके प्रभाव की सहन करने की स्कक्ति व समर्थ्य रखते है और चाहते है कि स्त्री आधीन होकर रहे स्तरीय सर्वश्रेस्ठ गुणवत्ता वालेपुरुष के प्रति समर्पित होती है जब आप सर्वश्रेस्ठ होते है तो आप उनके ह्रदय व मस्तिस्क में विराजमान होते है प्राचीन काल के स्वयम्बर प्रथा ही आज का कन्वर्जन लव मैरिज जो बहिर्मुखी वासना आधारित है आंतरिक गुणवत्ता आधार नही


जबकि आंतरिक व बाहरी शशक्त परुष ही स्त्री को अपने अधीन करने में सक्षम है


प्राचीन शिक्षा पद्धति ज्ञान व विज्ञान आधारित योगिग क्रियाएं थी जो कि गूढ़ साधनापथ होते थे

आज भी आप कर्मयोगी बनकर सफल व सार्थक जीवन जी सकते है किंतु दिनचर्य ही व्यवस्थित नही जबकि प्रकर्ति आधारित जीवन शैली ही सर्वोत्तम है

इसमें मानव हिट व कल्याण निहित है लेखक:ऋतु सिसौदिया 

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