Vartabook.com news website what new in world sptituale univers folk culture history articles of and opinion of Religion and science aryuvadik news Indian culture Brod about thinking spirituality science Vadik science mantra vigyan kaam vigyan discuss new technology of human
Poll Finds Support for Florida’s Abortion Ballot Measure Is Falling Short
लिंक पाएं
Facebook
X
Pinterest
ईमेल
दूसरे ऐप
-
By Kate Zernike from NYT U.S. https://ift.tt/xokr032
प्रस्तुति : अनिरुद्ध जोशी 'शतायु' पहले बल्ब का जलना, विमान का उड़ना, सिनेमा और टीवी का चलन, मोबाइल पर बात करना और कार में घूमना एक रहस्य और कल्पना की बातें हुआ करती थीं। आज इसके आविष्कार से दुनिया तो बदल गई है, लेकिन आदमी वही मध्ययुगीन सोच का ही है। धरती तो कई रहस्यों से पटी पड़ी है। उससे कहीं ज्यादा रहस्य तो समुद्र में छुपा हुआ है। उससे भी कहीं ज्यादा आकाश रहस्यमयी है और उससे कई गुना अंतरिक्ष में अंतहीन रहस्य छुपा हुआ है। दुनिया में ऐसे कई रहस्य हैं जिनका जवाब अभी भी खोजा जाना बाकी है। विज्ञान के पास इनके जवाब नहीं हैं, लेकिन खोज जारी है। ऐसे कौन-कौन से रहस्य हैं जिनके खुलने पर इंसान ही नहीं, धरती का संपूर्ण भविष्य बदल जाएगा। आओ जानते हैं ऐसी ही 10 रहस्य और रोमांच से भरी बतों को... 1. टाइम मशीन : समय की सीमाएं लांघकर अतीत और भविष्य में पहुंचने की परिकल्पना तो मनुष्य करता रहा है। भारत में ऐसे कई साधु-संत हुए हैं, जो आंख बंद कर अतीत और भविष्य में झांक लेते थे। अब सवाल यह है कि यह काम मशीन से कैसे हो? इंग्लैंड के मशहूर लेखक एचजी वेल्स ने 1895 में 'द टाइम मशीन' नामक एक उ...
प्रेतात्माओं के शरीर ईथरिक व एस्ट्रल ऊर्जा से निर्मित होते हैं भारतीय संस्कृति के अनुसार प्रेत योनि के समकक्ष एक और योनि है जो एक प्रकार से प्रेत योनि ही है लेकिन प्रेत योनि से थोड़ा विशिष्ट होने के कारण उसे प्रेत योनि न कहकर पितृ योनि कहते हैं। प्रेतलोक के प्रथम दो स्तरों की मृतात्माएं पितृ योनि की आत्माएं कहलाती हैं। इसीलिए प्रेत लोक के प्रथम दो स्तरों को पितृ लोक की संज्ञा दी गयी है। यहां यह बतला देना आवश्यक है कि प्रेत शरीर की रचना में पच्चीस प्रतिशत फिजिकल एटम और पचहत्तर प्रतिशत इथरिक एटम होता है। इसी प्रकार पितृ शरीर के निर्माण में पच्चीस प्रतिशत ईथरिक एटम और पचहत्तर प्रतिशत एस्ट्रल एटम होता है। अगर ‘ईथरिक एटम’ सघन हो जाय तो प्रेतों का छाया चित्र लिया जा सकता है और इसी प्रकार यदि एस्ट्रल एटम सघन हो जाय तो पितरों का भी छाया चित्र लिया जा सकता है। लेकिन उसके लिए अत्यधिक सेन्सिेटिव फोटो प्लेट की आवश्यकता पड़ेगी और वैसे फोटो प्लेट के बनने की संभावना निकट भविष्य में नहीं है। वर्तमान में इसके लिए जो फोटो प्लेट बने हैं उनके ऊपर अभी केवल प्रयास करने पर ही प्रेतों के चित्र लिए जा सकते ...
छोटे से बॉक्स में किचन, टॉयलेट और बेड! 'कॉफिन होम' में कैसे रहती है Hong Kong की एक बड़ी आबादी?  होन्ग-कोन्ग. वो देश, जहां पर दुनियाभर की चकाचौंध मौजूद है. वह देश जिसकी अर्थव्यवस्था बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रही है और जहां एक से बढ़कर एक ऊंची और चमकती इमारते हैं. ऐसे देश को देखकर कोई भी सोचेगा कि भला यहां के लोगों की जिंदगी क्या ही बुरी हो सकती है. हालांकि, सब सुविधाओं से भरे पड़े होन्ग-कोन्ग में भी एक हिस्सा ऐसा है जहां लोग बद से बद्दतर जिंदगी गुजारते हैं. यहां के लोग जिस तरह के घर में रहते हैं वो किसी ‘कॉफिन’ यानी ताबूद जैसा है जिसमें किसी लाश की तरह इन्हें पड़े रहना पड़ता है. तो चलिए आज जानते हैं कि आखिर कैसी होती है इन लोगों की जिंदगी कॉफिन होम में. हांगकांग में क्यों नरक की जिंदगी जीने को मजबूर है लोग?  अगर हम बात करें दुनिया के सबसे महंगे शहरों की तो उनमें से एक होन्ग-कोन्ग भी है. यहाँ पर जीवन बिताना बहुत ही खर्चीला काम है. इस मॉडर्न ज़माने की हर सुविधा आपको यहाँ मिलेगी मगर उन सुविधाओं का दाम भी देना पड़ता है. यह तो स्वाभाविक है कि हर कोई इतना धनी नहीं है कि इतना खर्चा कर सकें. ह...
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें